
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। राजधानी में हर साल मोबाइल उपभोक्ताओं के साथ टावरों की संख्या भी तेजी बढ़ रही है। इनमें आधे से अधिक टावरअवैध हैं। जिन्हें लगाने के लिए नगर निगम से अनुमति नहीं मिली है। वहीं, रहवासी इलाकों में बढ़ते इन टावरों से कई असाध्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। लेकिन नगर निगम अमला इनके खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहा है।
मैनिट के एनर्जी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अनिल कुमार ने बताया कि मोबाइल टावर सेफ जोन में लगे होने चाहिए। टावर से निकलने वाले रेडिएशन से इंसान के साथ्ा जानवरों पर भी बुरा असर पड़ता है। टावर के रेडिएशन से डिप्रेशन, ब्रेन ट्यूमर सहित अन्य भयानक बीमारियां होने की संभावना 50 फीसदी तक बढ़ जाती हैं। इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव कैंसर का कारण बनती हैं। साथ्ा ही जिस क्षेत्र में मोबाइल टावरों की संख्या अधिक होती है, वहां पक्षियों की संख्या कम हो जाती है। मधुमक्खियां तो समाप्त हो गई हैं। मोबाइल टावर के 300 मीटर के दायरे में सबसे ज्यादा रेडिएशन होता है। टावर पर जितने ज्यादा एंटिना लगे होंगे रेडिएशन भी उतना ज्यादा होगा।
रेडिएशन से संकट में गोरैया का वंश
घातक इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन सबसे अधिक गोरैया के जीवन को संकट में डाल रहा है। रेडिएश्ान गोरैया की नाजुक कोशिकाएं प्रभावित करने के साथ उनके डीएनए को विकृत कर रहा है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार रेडिएशन से नन्हीं चिड़ियों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इससे उनकी प्रजनन क्षमता के अंडों की परिपक्वता प्रभावित हो रही है। आमतौर पर गोरैया दो से तीन अंडे देती है। प्रकृति के नियमानुसार जो पक्षी कम अंडे देते हैं उनका सर्वाइवल रेट 100 प्रतिशत होता है। लेकिन गोरैया के अंडों का सक्सेस रेट अब 80 से 90 फीसदी गिर गया है।
रहवासियों ने टावर हटाने के लिए भगवान से लगाई गुहार
बीते 15 दिन पहले कटारा हिल्स स्थित विवेकानंद परिसर में टावर लगाने को लेकर कालोनीवासियों ने प्रदर्शन कर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था। साथ्ा ही भजन-कीर्तन कर कालोनी से टावर हटाने के लिए भगवान से गुहार लगाई थी। वहीं, सोनागिरी, इंद्रपुरी, अशोका गार्डन, बैरागढ़ और रचना नगर सहित अन्य क्षेत्रों में मोबाइल टावर के रेडिएशन को लेकर परेशान हैं। वे आशंकित हैं कि टावर के रेडिएशन से बीमारी फैल सकती है। इसलिए वहां के रहवासी मोबाइल टावर का विरोध कर रहे हैं। इधर, अरेरा कालोनी के ई-7 सेक्टर में नया मोबाइल टावर लगाने को लेकर स्थानीय रहवासी भी विरोध जता रहे हैं।
अवैध टावरों से अन्य नुकसान
- आंधी-बारिश में टावर गिरने का खतरा।
- टावर के बोझ से इमारतों को नुकसान।
- रखरखाव के लिए इस्तेमाल में होने वाले रसायनों से प्रदूषण।
राजधानी में टावर
697 : मोबाइल टावर शहर में रिकार्ड के अनुसार
327 : अवैध टावर चिन्हित किए थे निगम ने
05 : टावर के खिलाफ ही की कार्रवाई
322 : अवैध टावर अभी भी बने हैं खतरा
वर्जन
मोबाइल टावर के लिए कंपनी जगह चिन्हित करती है, नगर निगम अनुमति देता है। शहर में स्थित टावरों की मानिटिरिंग कराई जा रही है। नियम के अनुसार ही टावर खड़े किए जाते हैं।
-प्रेमशंकर शुक्ला, पीआरओ नगर निगम